पर्यटन नीति राज्य के गठबंधन के समय गठित अंतरिम सरकार ने 26 अप्रैल 2001 को उत्तराखंड पर्यटन नीति की घोषणा की है नीति के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं
- उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करना तथा यहां की सांस्कृतिक विविधताओं एवं संभावनाओं को उजागर करना
- पर्यटकों को उनके मूल अभिरुचि एवं आर्थिक क्षमता के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता बढ़ाना
- पर्यटन को पर्यावरण के अनुकूल एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के अनुरूप बनाने के लिए इको टूरिज्म को प्रोत्साहित करना
- पर्यटक स्थलों का राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना
- पर्यटन हेतु विभिन्न स्रोतों से पूंजी निवेश में वृद्धि का प्रयास करना
- मनोरंजन पर्यटन के साथ-साथ संस्थागत एवं साहसिक पर्यटन का विकास करना
- पर्यटन के तुरंत समग्र एवं संतुलन विकास हेतु वर्तमान विभाग की ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन के साथ एक अधिनियम द्वारा उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड का गठन करना इस बोर्ड में पर्यटन क्षेत्र के पांच विशेषज्ञ होंगे जो सरकार को पर्यटन संबंधी मामलों में सलाह हुए मार्गदर्शन देंगे बोर्ड में तीन निदेशक होंगे जो परियोजना प्रतिपादन वित्त एवं निवेश तथा प्रचारक एवं विपणन का कार्यभार संभालेंगे यह बोर्ड राज्य में पर्यटन से संबंधित विषयों पर सुझाव देने वाला सर्वोच्च उपक्रम होगा इसके अध्यक्ष पर्यटन मंत्री उपाध्यक्ष पर्यटन विकास आयुक्त एवं सचिव मुख्य अधिकारी होंगे
- गढ़वाल एवं कुमाऊँ मंडल विकास निगमन में पर्यटन विकास के लिए समन्वयक स्थापित करना
- पर्यटकों की सुविधा के लिए सड़क परिवहन के साथ-साथ रेल एवं वायु परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराना
- पर्यटक क्षेत्र में स्वरोजगार के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास योजना को कार्यान्वित करना
- नई पर्यटन नीति सितंबर 2018 में प्रदेश सरकार ने नई पर्यटन नीति की घोषणा की है इस नीति में पर्यटन को उद्योग का दजा देते हुए पर्यटन संबंधी 28 गतिविधियों को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों से लाभ देने की व्यवस्था की गई है
- To develop Uttarakhand as a tourism state and highlight its cultural diversity and potential.
- To increase participation of private and public sector to provide facilities to tourists as per their basic interest and economic capacity.
- To encourage eco-tourism to make tourism environment friendly and in line with the conservation of natural resources.
- Using information technology to promote tourist destinations at national and international level
- Efforts to increase capital investment from various sources for tourism
- To develop recreational tourism as well as institutional and adventure tourism.
- Formation of Uttarakhand Tourism Development Board by an Act with a radical change in the structure of the present department for immediate holistic and balanced development of tourism. This board will have five experts in the tourism sector who will provide advice and guidance to the government in tourism related matters. There will be three directors who will take charge of project rendering, finance and investment and promotional and marketing. This board will be the highest undertaking to give suggestions on tourism related issues in the state. Its chairman will be the Tourism Minister, vice-chairman, Tourism Development Commissioner and secretary will be the chief officer.
- Establishing a coordinator for tourism development in Garhwal and Kumaon Mandal Development Corporation.
- Providing road transport as well as rail and air transport facilities for the convenience of tourists.
- To implement Uttarakhand Tourism Development Scheme for the purpose of self-employment in tourist sector.
- New Tourism Policy: In September 2018, the state government has announced a new tourism policy. In this policy, by giving the status of industry to tourism, arrangements have been made to provide benefits to 28 tourism related activities from micro, small and medium industries.